
Albert Einstein- विश्व इतिहास का सबसे महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन को माना जाता है. बीसवीं शताब्दी के शुरुआत में आइंस्टाइन को दुनिया के सबसे महान वैज्ञानिक मान लिया गया था.
आइंस्टाइन ने कई महत्वपूर्ण सिद्धांत दिए. इन्हीं के आधार पर आज विज्ञान और गणित का क्षेत्र इतना तरक्की कर रहा है. अगर आइंस्टाइन न होते तो हमारा विज्ञान अंतरिक्ष में उस बुलंदी पर नहीं पहुंच पाता जहां आज पहुंच चुका है. Albert Einstein
इतने बड़े महान वैज्ञानिक के बारे में अगर बोला जाए कि वो झूठ बोलते थे तो शायद ही किसी को यकीन होगा. यह वो वैज्ञानिक थे जिनकी हर एक बात को बहुत सी गंभीरता के तौर पर लिया जाता था. ऐसे में उनके झूठ बोलने की कल्पना नहीं किया जा सकता. इसके बावजूद एक ऐसा विषय था जिसपर वो सिर्फ झूठ ही बोलते थे.
आइंस्टाइन के बारे में कहा जाता हैं कि जब उनका जन्म हुआ तो उनके माता पिता बहुत ही टेंशन में रहते थे. दरअसल वो एक सामान्य बच्चे की तरह नहीं जन्में. उनके जन्म के समय उनका सर सामान्य बच्चों के सर से काफी बड़ा था. सिर्फ इतना ही नहीं वो 3 साल तक की उम्र में बोल भी नहीं पा रहे थे.
तीन साल के आइंस्टाइन को देखकर उनके माता पिता को यकीन हो गया था कि अब आइंस्टाइन एक सामान्य बच्चे की तरह नहीं है. उसे भविष्य में बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा.
बचपन में मंदबुद्धी रहे आइंस्टाइन ने जब पढ़ाई में रुची दिखाई तो उसके बाद उनका जीवन ही बदल गया. जब उन्हें एक बार पापा ने कम्पास गिफ्ट किया तो वो परेशान हो गए. उन्हें समझ में नहीं आता था कि कंपास में प्वाइंट हमेशा नॉर्थ की तरफ क्यों होता है.
आइंस्टाइन इनती कम उम्र में इतना कुछ खोज कर चुके थे. इनती थ्योरी दे चुके थे कि उन्हें घर से बाहर निकलते ही लोग उन्हें घेर लेते और उनके उनकी खोज पर बाते करने लगते. वो किसी स्टार से कम नहीं थे.
ऐसे में उन्होंने लोगों के इन सवालों से बचने के लिए नायाब तरीका ढ़ूंढ़ निकाला. वो तरीका था एक झूठ. वो लोगों के झूठ बोलने लगे. अब लोग जब भी मिलते और सवाल पूछते तो वह यही करते कि “मैं आइंस्टाइन नहीं है. शक्ल मिलने के कारण लोग अकसर मुझे आइंस्टाइन समझ लेते हैं पर वो मैं नहीं.”
इतने महान वैज्ञानिक भी झूठ बोल सकते हैं यह शायद ही आपने सोचा हो लेकिन वो कई बार अपने जीवन को सामान्य रखने के लिए ऐसे झूठ बोल लेते है.